Saturday, 21 September 2013

" मन मेरा "

तेरी याद तो बस एक बहाना है ,इन अश्को के छलक जाने का ,
असली मकसद है इनका ,मुझे तेरी याद दिलाने का ॥ 
खुद ने दिया है इनको काम एक , मुझे शायद यूँ सताने का ,
इसीलिए न दिया एक मौका मुझे तुझको यह बताने का ॥ 

कि ,

तेरी याद, न तू, न मेरी तन्हाई , मेरा सब्र तोड़ पायेगी ,
वादा एक आशिक का था ,मेरी आशिकी तुझे रुलाएगी ॥ 
लौट कर जब भी तू अब मेरे पास यूँ आएगी ,
मैं तो वही रहूँगा लेकिन  वो नजाकत शायद ही आएगी ॥ 

बताया तुझे कितना की प्रेम डोर नाजुक होती है,
तेरी याद में मेरी अंखिया रज  रज रोटी है ,
तनहा बिन तेरी जीना मुश्किल अब रहता है ,
तेरा दीदार रहे बस मन यह मेरा कहता है ॥ 




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