फिर वही घटाएं आज झूम के बरसी ,
फिर आज ये अंखियाँ तुझे देखने को तरसी,
याद नहीं है इनको कब तुझको देखा था ,
हसरत आज भी वही है ,
बस तू ही एक है जो यहाँ नहीं है ll
.
फिर आज ये अंखियाँ तुझे देखने को तरसी,
याद नहीं है इनको कब तुझको देखा था ,
हसरत आज भी वही है ,
बस तू ही एक है जो यहाँ नहीं है ll
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